Rural Healthcare is one of the biggest challenges in India. More than 70 percent population is living in rural areas with poor healthcare facilities. Healthcare is the right of every individual but because of a lack of quality infrastructure, the rural populations are deprived of healthcare facilities that leading to poor lifespan and high mortality rates.
Disability is also an important public health problem, especially in developing countries like India. In rural areas unavailability of Physical Medicine & Rehabilitation services are the major issues which cause poor quality of life, it also causes a financial burden on societies because many of the disabled are functionally and financially dependent. The rehabilitation of such a rural population is an important area for the inclusive development of India. It is also observed that there is poor awareness of health and hygiene among the rural population. Awareness, early detection of disease, and timely action can increase lifespan and minimize the mortality rate and also improve the quality of life, with this viewpoint SSRHR is been established.
As a President and the founder of this Society, I would request you to please come forward and become a member and spend some time to strengthen the initiative taken by this society. Your donation can also help to improve the health and quality of life of poor people in rural India. In return, you'll receive the best gift of blessing with his or her smile!
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रह रही है। स्वास्थ्य सेवा हर व्यक्ति का अधिकार है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी के कारण, ग्रामीण आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है, जो खराब जीवनकाल तथा उच्च मृत्यु दर का कारण है।
विकलांगता भी भारत जैसे विकासशील देशों में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास सेवाओं की अनुपलब्धता प्रमुख मुद्दे हैं जो खराब जीवन यापन का कारण बनते हैं, विकलांगता समाज पर वित्तीय बोझ का कारण भी बनता है क्योंकि कई नि:शक्तजन कार्यात्मक तथा आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं बल्कि दूसरों पर निर्भर हैं। ऐसी ग्रामीण आबादी का पुनर्वास भारत के समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह भी देखा गया है कि ग्रामीण आबादी में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता का अभाव है। लोगों को जागरूक करना, बीमारी को जल्द पता लगाना तथा सही समय पर इलाज से जीवन काल को बढ़ाया जा सकता है तथा मृत्यु दर को कम किया जा सकता है साथ ही साथ जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है, इसी दृष्टिकोण के साथ SSRHR की स्थापना की गई है।
इस सोसाइटी के अध्यक्ष और संस्थापक के रूप में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया आगे आएं और सदस्य बनें तथा इस संस्था द्वारा की गई पहल को मजबूत करने के लिए कुछ समय व्यतीत करें। आपका दान ग्रामीण भारत में गरीब लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। बदले में आपको ग़रीबों एवं नि:शक्तजनों की मुस्कान के साथ आशीर्वाद का सबसे अच्छा उपहार मिलेगा!
With the warmest regards,
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ,
Dr. Santosh Kr. Singh